Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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( २६ )
उक्त दोनों कर्मों के संवेध भंगों का गुणस्थान, जीवस्थान और काल सहित विवरण
गाथा ७
दर्शनावरण कर्म की उत्तर प्रकृतियों के बन्ध, उदय और सत्ता स्थान
दर्शनावरण कर्म के बन्ध, उदय और सत्तास्थान दर्शक विवरण
गाथा = ६ ( प्रथम पंक्ति)
P
दर्शनावरण कर्म को उत्तर प्रकृतियों के संवेध भंग दर्शनावरण कर्म के संवैध भंगों सम्बन्धी मतान्तर दर्शनावरण कर्म के संवेध भंगों का दर्शक विवरण गाथा (द्वितीय पंक्ति)
वेदनीय, आयु और गोत्रकर्म की उत्तर प्रकृतियों के संवेध भंगों के कहने की प्रतिज्ञा
वेदनीयकर्म की उत्तर प्रकृतियों के संवेध भंग आयुकर्म की उत्तर प्रकृतियों के संवेध भंगों के कथन की पूर्व भूमिका
नरकायु के संवेध भंग
नरकगति की आयुबन्ध सम्बन्धी विशेषता
नरकगति में आयुकर्म के संवेध भंगों का दर्शक विवरण देवायु के संवेध भंग
देवगति में आयुकर्म के संवेध भंगों का दर्शक विवरण तिर्यचायु के संवेध भंग
तिर्यंचगति में आयुकर्म के संवेध भंगों का दर्शक विवरण मनुष्यायु के संबैध भंग
मनुष्यगति के उपरतबन्ध के भंगों की विशेषता
मनुष्यगति में आयुकर्म के संवेध भंगों का दर्शक विवरण प्रत्येक गति में आयुकर्म के भंग लाने का नियम
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३४-३६
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३६-३६
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४६-६४
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