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सम्पादकीय लेखोंकी विषयवारसूची
___ इस सूची में उन लेखोंको सम्मिलित नहीं किया गया है जो प्रतिवर्ष विभिन्न जैन पर्वो या उत्सवोंपर लिखे गये। इनमें पर्दूषण, क्षमावणी, रक्षाबन्धन, श्रुतपंचमी, दीपावली, वीरशासन जयन्तो, अक्षय तृतीया,
महावीर जयन्ती एवं पत्रकी वर्ष समाप्तिपर लिखे गये लेख आते हैं। इनकी संख्या लगभग एक दर्जन प्रति .. वर्ष होती है और २८ वर्षमें इनकी संख्या ३३६ के लगभग है। यहाँ पण्डितजी द्वारा लिखित लगभग
६०० सम्पादकीय, लोकप्रिय तथा शोधलेखोंकी विषयवार सूची दी जा रही है। (अ) शिक्षा, शिक्षार्थी, शिक्षक तथा शिक्षण संस्थाएँ, परीक्षा और परीक्षा-पद्धति ४ जनवरी ४०
अध्यापकोंका उत्तरदायित्व और महत्त्व ८ फरवरी ४०
नये अध्यापकोंकी समस्या १५ फरवरी ४० शिक्षा संस्थाओंका जीवन ६ जून ४०
शिक्षा संस्थाओंके एकीकरणमें कठिनाइयाँ ५-७. ५-१२-१९ दिसम्बर ४० शिक्षाका आदर्श १,२,३
८ अगस्त ४१ हमारे बोर्डिग हाउस ९ जनक्री ४२ शिक्षाका उद्देश्य मनुष्य बनाता है ।
१६ जुलाई ४२ परीक्षकोंके रिमार्क ११. २३ जुलाई ४२ हमारे संस्कृत विद्यालय १२-१३. २०-२९ अगस्त ४२ हमारे सरस्वती भवन १, २
२६ जनवरी ४२ संस्कृत कालेज जयपुर और जैन छात्र २१ सितम्बर ४२ माणिकचन्द्र परीक्षालयका परीक्षाफल २० दिसम्बर ४४ भारतकी भावी शिक्षा २५ जनवरी ४५
आज विद्वानोंकी कमी क्यों है ? १८. २६ दिसम्बर ५६ पण्डित वर्ग और जैनसमाज, १,२ १९. ३ जुलाई ५८ काशी विद्यालयका भवन गिरा २०. १० जुलाई ५८ छात्र और छात्रवृत्तियाँ
२५ अगस्त ६० संस्कृत शिक्षालयोंपर एक दृष्टि २२. १० नवम्बर ६० विद्वानोंकी स्थिति २३. २७ जुलाई ६१ संस्कृत साहित्यका पठन-पाठन २४-२५. ६-१३ जुलाई ६१ नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षाकी आवश्यकता १, २ २६. १० मई ६२
संस्कृत शिक्षा : एक समस्या २८ जून ६३
शिक्षा की दशा ११ अक्टूबर ६२ विद्वान् और आजीविका
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