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५. विचारणीय ऐतिहासिक प्रसंग
४, १५१ ( जै० सं० शो०) ६. सिद्धसेन गणिकी टीका पर तत्त्वार्थवातिकका प्रभाव १०, ३३८ ७. आचार्य सोमदेव और उनका युग
१६, १७७ , ८. स्याद्वाद महाविद्यालय वाराणसीके अकलंक सरस्वती
भवनमें वर्तमान कुछ हस्तिलिखित ग्रन्थोंकी लेखक प्रशस्तियाँ
१४, ११८ , ९. भगवान् पार्श्वनाथकी ऐतिहासिकता
१२, ५४ , १०. स्व० श्री नाथू राम प्रेमीके छह पत्र ११. कर्मपद्य हिन्दी ग्रन्थोंकी प्रशस्तियाँ
२२, ४६ , १२. १२-१३ वीं सदीके कुछ ग्रन्थकार
२५, ८ १३. द्रव्यसंग्रह : उसके कर्ता और टीकाकार
२५, ८ १४. पं० आशाधरजीका वैदुष्य
२१, १० १५. श्रीपालसत ढढ्ढाकृत पञ्चसंग्रह १६. अनेकान्त और स्याद्वाद
३८, ५६४ १७. भद्रबाह श्रुतकेवलो-विजय राजेन्द्र सूरिस्मा० २०१३ १८. स्याद्वाद और सप्तभंगी, प्रेमी अभि० ग्रन्थ, १९४६ १९. श्रुतज्ञान और उसका वर्ण्य विषय, बरैया अभि० ग्रन्थ, १९६७ २०. शब्दनय, वर्णी अभि० ग्रन्थ, १४७६ २१. सिद्धसेनका अभेदवाद और दिगम्बर परम्परा, छोटेलाल स्मृतिग्रन्थ, १९६७ २२. जैन दर्शन, चन्दाबाई अभि० ग्रन्थ, १९५४ २३. अनेकान्तवाद, कानजी अभि० ग्रन्थ, १९६४ २४. भारतीय आचार में प्राकृत वाङ्मयका योगदान २६, २, १७-३५ (जैनसि० भास्कर) २५. अनेकान्त और स्याद्वाद २९ किरण १,८-१३ २६. आचार्य कुन्दकुन्द कृत परिकर्म २३, २, १५-२२ २७. एक साम्प्रदायिक चित्रण १५, १,६ २८. जैनधर्म में योग ३, २, २९. दिगम्बर न ग्रन्थों की एक बृहत् सूची, ५, ४, २१९ ३०. देवकुमारजी की दानशीलता १८, १,७ ३१. धर्म शब्दकी व्युत्पत्ति , स्वरूप और व्याख्या २७, १, २, १-७७ ३२. नय विवरणके सम्बन्धमें ६, २, १२३ ३३. पाणिनि, पतञ्जलि और पूज्यपाद ६, ४, २१६ ३४. भट्टाकलंकका समय ४, ३, १६५ ३५. आचार्य शाकटायनका काल-निर्णय जैन, सं० २-९-४३ ३६. संयत शब्द, जैन संदेश, २१-१-४० । ३७-४०. जैन आम्नाय १, २, ३, ४, जैन संदेश ४१. आचार्य अमृतचंद्र के एक नवीन ग्रन्थकी उपलब्धि : लघुतत्व स्फोट, जैन संदेश, १-७-७६
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