Book Title: Jain Kathamala
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
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0 महावीर डग हाउस, बेंगलोर
संस्था के अनेक प्रकाशनों में महावीर इग हाग..--गलोर का अर्थ सह्योग रहा है और इस ओर से संस्था के प्रकाशनों में अर्थ-गहयोग निरन्तर मिलता ही जा रहा है। प्रतिष्ठान के संचालक श्रीयुत कमलनी चोरड़िया साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यों में सदा सहयोगी रहे हैं। इस प्रकाशन के सम्पादन में भी आपकी ओर से उदार अयं महयोग मिला है। गनदयं अनेकगः धन्यवाद 0 श्री एस० किसनलाल जी चोरडिया
मूल निवासी-चांदावतों का नोखा (राज.)
वर्तमान में-उलंदरपेठ व मद्रास । श्रीयुत चोरडियाजी एक उत्साही समझदार व विनम्र सज्जन पुन्य हैं। - मापने इस प्रकाशन में एक अच्छी अर्थ-राशि का योग-दान दिया है। एतदर्थ धन्यवाद ।
जैन कथामाला के २० भाग के प्रकाशन में भी आपकी ओर से अर्थ सहयोग मिला है। उक्त भाग में आप का जीवन परिचय भी दिया गया है । आप से इस संस्था को अनेक आशाएँ हैं । 0 श्री मांगीलालजी चोरड़िया
मूल निवासी-चांदावतों का नोखा (राज.)
वर्तमान में-मद्रास आप मद्रास के सुप्रसिद्ध समाज-सेवी श्रीगुमानमलजी चोरड़िया के द्वितीय नम्बर के अनुज भ्राता हैं । आप बहुत ही सीधे-सादे स्वभाव वाले सज्जन पुल्प हैं।
आपने इस प्रकाशन में अपने अर्थ का अच्छा योग-दान दिया है । एतदर्थ वन्यवाद । संस्था आप से अपने आगे के प्रकाशनों में भी सहयोग की आशा रखती है।