________________
आप्तवाणी-८
के रूप में हो चुके हैं, वे फिर अभी रूपक के रूप में आते हैं। इस नर्मदा के बांध का आयोजन वहाँ पर होता है, फिर नक्शा बनता है, उस घड़ी उस नक्शे में यदि बांध फट गया, तो पानी बह जाता है क्या सारा? नहीं बहता। यानी नक्शे में बदलाव हो सकता है, फिर बदलाव नहीं हो सकेगा। यानी पिछले जन्म में जो आयोजन किया था, उसमें बदलाव हो सकता था, लेकिन अभी उसमें बदलाव किस तरह से हो सकेगा? यानी अभी हम इस जन्म में कुछ बदलाव करेंगे तो अगले जन्म में बदलाव होगा। वर्ना फिर अगले जन्म के लिए मुहर लग गई, इसे विधाता का लेख कहते हैं, बाद में वह बदलता नहीं है ।
३५
प्रश्नकर्ता : पिछले जन्म में ही आयोजन हो चुका हो तो इस जन्म का आयोजन मैं कब करूँगा?
दादाश्री : हर एक जन्म में अंदर आयोजन होता ही रहता है, आयोजन के बगैर आगे चलता ही नहीं ।
प्रश्नकर्ता : इस जन्म की जो-जो वस्तु पूर्वजन्म के आयोजन के अनुसार हो रही है, तो अगले जन्म के लिए मैं आयोजन करूँगा किस तरह?
दादाश्री : आयोजन किस तरह होता है, वह मैं आपको बता दूँ । और इस जन्म में अगर आयोजन ही नहीं होगा तो फिर मोक्ष हो जाएगा।
अब आयोजन यानी चार्ज होता है । और यह पुराना डिस्चार्ज होते समय वापस अंदर चार्ज होता है । अब चार्ज किस तरह से होता है ? आयोजन किस तरह से होता है? तब कहे, 'अभी कोई कहे कि, मैंने बीस हज़ार रुपये फ़लानी जगह पर दान में दिए हैं।' अब उससे पूछें कि, 'सेठ, आप कभी किसीको बीस हज़ार रुपये नहीं देते हैं, तो यहाँ पर किस तरह से दे दिए?' तब वे कहते हैं, ' भाई, फ़लाने भाई के दबाव में आकर दिए । ' अब बीस हज़ार रुपये देता है, लेकिन आयोजन उल्टा हो गया। और ऊँचे भाव से दिए होते तो आयोजन, फिर से वैसे का वैसा ही बीज पड़ता और ऊँचा फल मिलता ।