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आप्तवाणी-८
एन्ड इफेक्ट, इफेक्ट एन्ड कॉज़ेज़', कारण और कार्य, कार्य और कारण। इसमें से यदि कारणों का नाश किया जाए तो ये सभी इफेक्ट बंद हो जाएँगे, फिर नया जन्म नहीं लेना पड़ेगा।'
यहाँ पर पूरी ज़िन्दगी कॉज़ेज़ उत्पन्न किए हों, तो आपके वे कॉज़ेज़ किसके पास जाएँगे? और कॉज़ेज़ किए हैं इसलिए, वे आपको कार्य फल दिए बगैर रहेंगे नहीं। कॉज़ेज़ उत्पन्न किए हैं, ऐसा आपको खुद को समझ में आता है?
हर एक कार्य में कॉज़ेज़ उत्पन्न होते हैं। आपको किसीने नालायक कहा कि आपको अंदर कॉज़ेज़ खड़े हो जाते हैं कि 'तेरा बाप नालायक है।' वह आपका कॉज़ेज़ कहलाएगा। आपको 'नालायक' कहा है, वह तो कायदे से कहकर गया और आपने उसे गैरकायदा किया, वह समझ में नहीं आया आपको? क्यों नहीं बोलते?
प्रश्नकर्ता : ठीक है।
दादाश्री : यानी कॉज़ेज़ इस जन्म में होते हैं, उसका इफेक्ट अगले जन्म में भोगना पड़ता है।
यह तो, इफेक्टिव मोह को कॉजेल मोह माना जाता है। आप ऐसा सिर्फ मानते ही हो कि 'मैं क्रोध कर रहा हूँ।' परन्तु यह तो जब तक आपको भ्रांति है, तभी तक यह क्रोध है। वर्ना, यह क्रोध है ही नहीं, यह तो इफेक्ट है। और कॉज़ेज़ बंद हो जाएँगे तो सिर्फ इफेक्ट ही बाकी रहेंगे और कॉज़ेज़ बंद कर दिए यानी 'ही इज नॉट रिस्पोन्सिबल फॉर इफेक्ट' और इफेक्ट अपना भाव बताए बगैर रहेगा ही नहीं।
___ जन्म परिभ्रमण तोड़ें 'ज्ञानी' हक़ीक़त स्वरूप में क्या है? जो मूल आत्मा है, जो यथार्थ आत्मा है, वह शुद्ध चेतन है और वही परमात्मा है, और पूरा जगत् जिसे चेतन मानता है, वह निश्चेतन-चेतन है। लोहे का गोला तपा हुआ हो तो वह अग्नि जैसा हो जाता है, वैसा यह निश्चेतन-चेतन है।