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आत्मा का अस्तित्व हैं" शीर्षक से किया था। बनर्जी के लेख से पुनर्जन्म व आत्मा के शाश्वत तत्त्व होने की पृष्टि होती है।
आशय यह है कि वैज्ञानिक जगत् में आत्म-अस्तित्व के विषय में प्रयोग निरंतर जारी हैं। इनमें सफलता भी असंदिग्ध है। आत्मा के विषय में दिन-प्रतिदिन जो आश्चर्यजनक तथ्य सामने आ रहे हैं, उनके आधार पर कहा जा सकता है कि आत्म-अस्तित्व की स्वीकृति के साथ आत्मा की विलक्षण शक्तियों की उपलब्धियों से शीघ्र ही नवीन युग का प्रारंभ होने वाला है।
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