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द्वितीय खण्ड / १६८
आपके प्रभाव से मेरे स्वभाव की उग्रता शांत हो गयी और अब कोई अपशब्द भी कह दे तब भी क्रोध नहीं आता है । मेरी यही कामना है कि मुझे सदैव आपका मार्गदर्शन मिलता रहे।
दवा से अधिक दुआ का प्रभाव होता है. मांगलिक का अद्भुत चमत्कार
0 कुमारी गरिमा श्रीश्रीमाल, खाचरौद
महासती अध्यात्मयोगिनी श्री उमरावकुंवरजी 'अर्चना' म० सा० के आशीर्वाद में असीम शक्ति है। मेरे बडे भाई राजेन्द्रकुमार को धर्मपत्नी श्रीमती जयश्री चार वर्षों से अस्वस्थ थी। हजारों रुपये उपचार में खर्च करने पर भी लाभ नहीं हो सका था। वह म० सा० श्री के चार पाँच मांगलिक सुनने से ही स्वस्थ हो गई।
मैंने एक बार रात्रि के अन्तिम प्रहर में म० सा० श्री के साक्षात् दर्शन किये और उन्होंने मुझे माला का तीन बार जाप करने के लिए कहा । मैं ये जाप नित्य करती हूँ, इससे मेरा मन असीम शान्ति अनुभव करता है। मैं शासनेश भगवान् महावीर से प्रार्थना करती हूँ कि म० सा० का वरदहस्त मुझे दिशाबोध देता रहे। मैं आपके सुदीर्घ जीवन की ईश्वर से इल्तजाह करती हूँ ।
महासतीजी की आत्मसाधना ने मिथ्यात्वी देवों को भी प्रतिबोध दिया है
घर आई ज्ञान-गंगा । मनोहरलाल लोढा, खाचरौद
जब से म० सा० श्री उमरावकुंवरजी 'अर्चना' खाचरौद पधारे हैं जैसे यहाँ ज्ञान की गंगा प्रवाहित हो गयी है । मैं बराबर दिन में दो बार आपकी सेवा में उपस्थित होता हूँ। मेरे शरीर में कई वर्षों से रतन महाराज नामक देवता जो कि मेरे दादाजी ही थे, आते हैं । उनको पूछने के लिए बरसों तक हजारों लोग आते रहे । अब डेढ़-दो साल से वह सिर्फ धार्मिक चर्चा ही करते हैं । संघ का आमन्त्रण
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