Book Title: Umravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Author(s): Suprabhakumari
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

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Page 1266
________________ व्यवसाय के क्षेत्र में संलग्न और अग्रसर होने पर भी आपका व्यक्तित्व पूर्णरूप से उसी के लिये समर्पित नहीं था। आपने उपाजित लक्ष्मी का समाजसेवा एवं परोपकार में सदुपयोग किया है । मरुभूमि में जल और जलाशय का कितना मूल्य और महत्त्व है, यह सर्वविदित है। जल के अभाव में जीवन टिक नहीं सकता। जल जीवन की सर्वोच्च आवश्यकता है । इस तथ्य को ध्यान में रखकर आपने लगभग पचास वर्ष पूर्व नोखा निवासियों की सुविधा के लिये कुप्रा खुदवाया, जिससे सारा गांव आज भी लाभ उठा रहा है। अपने जन्मग्राम नोखा में ही 'सिरेमल जोरावरमल प्रायमरी हेल्थसेण्टर' के निर्माण में भी अापका विशिष्ट योगदान रहा है। मद्रास में होने वाले प्रत्येक सार्वजनिक कार्य में आपका सक्रिय एवं सार्थक योगदान रहा है। आपका सबसे महत्त्वपूर्ण और विशेष उल्लेखनीय सेवाकार्य है-हीराचन्द आई हॉस्पिटल नामक नेत्र चिकित्सालय । यह मद्रास के साहूकार पेट में स्थित है। यह अस्पताल आपने तथा आपके तीन सुपुत्रों-श्री तेजराजजी, श्री प्रकाशचन्दजी तथा श्री शरबतचन्दजी ने बड़े ही उत्साह के साथ स्थापित किया है । यह अस्पताल आधुनिक साधन-सामग्री से सम्पन्न है। समाज-सेवा की उत्कट भावना के अतिरिक्त आपका धार्मिक जीवन भी सराहनीय रहा है। प्रतिदिन सामायिक-प्रतिक्रमण करना तो आपका नियमित अनुष्ठान था ही। कई वर्षों से भी बराबर करते थे। आपका परिवार खूब भरा-पूरा है। तीन-पुत्र, अनेक पौत्र-पोत्रियों से सम्पन्न है आपका परिवार । पूजनीया महासती श्री उमरावकुंवरजी म. सा. 'अर्चना' के अनन्य भक्तों में आपका नाम है। प्रस्तुत प्रकाशन में आपकी स्मृति में उदार सहयोग प्राप्त हुआ है, इसके लिये हार्दिक धन्यवाद। 10 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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