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पकी जन्मभूमि नोखा (चांदावतों का) है, श्रापके स्व. पिता श्रीमान् राजमलजी चोरडिया धार्मिक वृत्ति के थे । आपके पांच सहोदर अनुज भ्राता हैं जिनका व्यवसाय मद्रास में चल रहा | आप स्वर्गीय पूज्य गुरुदेव स्वामी श्री हजारीमलजी म. सा. के अनन्य भक्त हैं । स्व. स्वामी श्री ब्रजलालजी म. सा., स्व. युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी के प्रति प्रापकी गहरी श्रद्धा है । ध्यानयोगसाधिका महासती श्री उमराव कुंवरजी म. सा. 'अर्चना' के प्रति भी आपकी अपार श्रद्धा है ।
आपने पूजनीया महासतीजी की दीक्षा - स्वर्णजयन्ती के अवसर पर प्रकाशित होने वाले 'अर्चनार्चन' अभिनन्दन ग्रन्थ में उदारतापूर्वक धनराशि प्रदान की है, जो आपकी श्रद्धा-भक्ति का परिचायक है । भविष्य में भी आपसे इसी प्रकार के उदार सहयोग की अपेक्षा है । वर्तमान सहयोग के लिये हार्दिक धन्यवाद ।
श्रीमान् सेठ (स्व.) हीराचन्दजी सा. चोरडिया. मद्रास
SHorachand Chordia
श्रीमान् हीराचन्दजी चोरडिया का जन्म वि. सं. १९५६ की फाल्गुन शुक्ला सप्तमी को नोखा में श्रीमान् सिरेमलजी चोरडिया की धर्मपत्नी श्रीमती सायबकुंवरजी की कुक्षि से हुआ । अठारह वर्ष की आयु में ही आपको पितृ-वियोग के दारुण प्रसंग का सामना करना पड़ा । इस वज्रपात से परिवार का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आपके कन्धों पर आ पड़ा। आपने बड़ी कुशलता, सूझबूझ, धैर्य और साहस से अपने दायित्व का निर्वाह किया ।
आपकी गणना मद्रास के प्रतिष्ठित व्यवसायियों में की जाती थी । आप अपने व्यवसायकौशल के कारण अनेक फर्मों के संस्थापक व संचालक थे । आपकी मुख्य फर्म सिरेमल हीराचन्द फाइनेन्सीयर्स ( साहूकार पेट, मद्रास) है । इसके अतिरिक्त निम्नलिखित संस्थाओं के भी आप अधिपति रहे
१. सिरेमल हीराचन्द एण्ड कम्पनी
२. इन्टरनेशनल टायर सर्विस - टायर्स एण्ड बेटरीज डीलर्स, माउण्ट रोड, मद्रास
३. चोरडिया रबर प्रोडक्ट्स प्रा. लि., मद्रास
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