Book Title: Umravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Author(s): Suprabhakumari
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

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Page 1283
________________ श्रीमान मदनलालजी कोठारी महामन्दिर, जोधपुर स्व. श्री गजराजजी कोठारी स्व. श्रीमती अणचीबाई कोठारी श्रीमान् मदनलालजी कोठारी महामंदिर (जोधपुर) निवासी हैं । आप अपने माता-पिता की सेवा में रहे हैं। आपने उनकी स्मृति में श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के नये भवन निर्माण में सर्वाधिक अर्थ-सहयोग प्रदान किया है। प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपने अपने माता-पिता की स्मृति में अर्थ-सहयोग प्रदान कर पितृभक्ति का परिचय दिया है। आपके पुत्र सर्वश्री मनसुखचन्दजी, ज्ञानचन्दजी, सुमेरमलजी, केवलचन्दजी और जेठमलजी हैं, जो बम्बई में संयुक्तरूप से व्यापार में लगे हुए हैं। आपकी एकमात्र पुत्री कुमारी लीला (गुड्डी) है । आपकी धर्मपत्नी भी सेवाभावी महिला हैं । ग्रन्थ में दिये गये सहयोग के लिये हार्दिक धन्यवाद । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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