Book Title: Umravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Author(s): Suprabhakumari
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

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Page 1275
________________ श्रीमती सौभागबाई हिंगड़ दौराई आप पूजनीया गुरुवर्या महासती श्री उमरावकुंवरजी म. सा. 'अर्चना' के संसार पक्ष में बड़ी बहन एवं जेठानी हैं । आपका जन्म श्रीमान् माँगीलालजी तांतेड़ (मुनिश्री मांगीलालजी म. सा.) की धर्मनिष्ठा. पतिपरायणा धर्मपत्नी श्रीमती अनोपकंवरबाई की पावन कुक्षि से भादवा सूदी नवमी वि. सं. १९७४ के शुभ दिन ग्राम केबानिया में हुआ। बाल्यकाल से ही आप अपूर्व साहस की स्वामिनी रही हैं। आपने अल्पायु में ही राजस्थान के प्रख्यात डाकू मोड़सिंह का मुकाबला किया था। अनेक अवसरों पर आपने गुण्डों को भी परास्त कर अपने अद्भुत साहस का परिचय दिया। दस वर्ष की अल्पायु में आपका पाणिग्रहण दौराई (अजमेर) निवासी श्रीमान् सेठ सुवालालजी के सुपुत्र श्री रामचन्द्रजी के साथ सम्पन्न हुआ। आपका ससुरालपक्ष भी पितृपक्ष की भांति सम्पन्न और प्रख्यात है । आप गायनकला में भी प्रवीण हैं। दस वर्ष पूर्व आपके पति का स्वर्गवास हुआ। प्रस्तुत ग्रन्थ में आपने अपना सहयोग प्रदान किया, इसके लिये आपको धन्यवाद प्रदान करते हुए भविष्य में भी ऐसे ही सहयोग की अपेक्षा है । पूजनीया श्री 'अर्चना' जी म. सा. के प्रति आपकी अटूट आस्था है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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