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श्रीमान दुलीचंदजी सा. चोरडिया,
मद्रास
सेठ श्रीमान् दुलीचन्दजी सा. चोरडिया का जन्म वि. सं. १९८९ में नोखा चांदावतां में हुआ। श्रीमान् जोरावरमलजी सा. चोरडिया कामदार नोखा के आप सुपुत्र हैं। श्रीमती फूलकुंवरबाई की कुक्षि को आपने धन्य बनाया।
अठारह वर्ष की आयु में आप मद्रास पधार गए और व्यवसाय में संलग्न हो गए । अपने बुद्धिकौशल एवं पुरुषार्थ से व्यवसाय में अच्छी सफलता प्राप्त की।
मद्रास की प्रायः सभी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के साथ आपका और आपके परिवार का सम्बन्ध है और उनमें आपका महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है । धार्मिक-कार्यों में आप अग्रणी रहते हैं । धर्म और शासन के प्रति आपकी भक्ति सराहनीय है।
विशेष उल्लेखनीय बात यह है कि श्री चोरडियाजी धन-जन से, सभी ओर से समृद्ध होने पर भी अत्यन्त विनम्र हैं । आपका अन्तःकरण बहुत भद्र है। अहंकार आपके अन्तस् को छू नहीं सका है।
आपके चार सुपुत्र-१. श्री धरमचन्दजी, २. श्री किशोरकुमारजी, ३. श्री राजकुमारजी, ४. श्री सुरेशकुमारजी हैं और एक सुपुत्री है ।
आप स्व. पूज्य स्वामी श्री हजारीमलजी म. सा. के प्रति अनन्य अनुपम श्रद्धाभाव रखते हैं।
पूजनीया महासती श्री उमरावकंवरजी म. सा. 'अर्चना' के प्रति आपकी अनन्य श्रद्धाभक्ति है।
प्रस्तुत प्रकाशन में आपका विशिष्ट आर्थिक सहयोग रहा है । भविष्य में भी आपसे इसी प्रकार की अपेक्षाएँ हैं । प्रदत्त आर्थिक सहयोग के लिये हार्दिक धन्यवाद ।
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