Book Title: Tirthankar Charitra Part 2
Author(s): Ratanlal Doshi
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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सतीत्व-परीक्षा और प्रव्रज्या
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वे इस प्रकार चिन्ता कर ही रहे थे कि सिद्धार्थ को साथ लिये हुए नारदजी वहां पहुंच गए और चिन्ता-निमग्न राम-लक्ष्मण को सम्बोध कर बोले--
" रघुपति ! आश्चर्य है कि आप हर्ष के स्थान पर चिन्ता कर रहे हैं । अपने ही पुत्रों से प्राप्त पराभव तो सुखद तथा कुल-गौरव बढ़ाने वाला होता है । ये दोनों कुमार आप ही के पुत्र हैं । इनकी माता, आप द्वारा त्यागी हुई महादेवी सीता है। ये युद्ध के निमित्त से मिलने आये हैं । आपका चक्र इसीलिए बिना प्रहार किये ही लौट गया। अब शस्त्र छोड़ कर इन्हें छाती से लगावें ।"
नारदजी ने सीता का सारा वृत्तांत सुना दिया। पत्नी-विरह के खेद और पुत्रमिलन की प्रसन्नता के वेग से रामभद्रजी मूच्छित हो गए । चेतना पा कर दोनों भ्रातृवीर उठे और पुत्रों को मिलने, आँसू गिराते हुए चले । राम-लक्ष्मण को अपनी ओर आते देख कर दोनों कुमार, शस्त्र छोड़ कर रय से नीचे उतरे और सम्मुख जा कर पिता और काका के चरणों में गिर पड़े । कुमारों को उठा कर छाती से लगाया और गोद में बिठा कर उनका मस्तक चूमा । शत्रुघ्न भी आ पहुँचे और उन्होंने भी दोनों कुमारों को आलिंगन कर स्नेह किया। युद्धभूमि का बीभत्स दृश्य एवं हुंकार तथा चित्कार के कर्णकटुः शब्द, आनन्द-मंगल में पलट गए । हर्ष का सागर उमड़ आया । सर्वत्र जय-जयकार होने लगा।
महादेवी सीताजी, अपने पुत्रों का पराक्रम और पिता के साथ समागम का दृश्य देख कर हर्ष-विभोर हो गई और विमान में बैठ कर पुण्डरीकपुर पहुंच गई । राम-लक्ष्मण भी लव-कुश को परम पराक्रमी जान कर अत्यन्त प्रसन्न हुए । सर्वत्र आनन्द ही आनन्द छाया रहा । भामण्डल ने वज्रजंध नरेश का राम-लक्ष्मण से परिचय कराया। वज्रजंघ ने राम-लक्ष्मण को स्वामी भाव से प्रणाम किया। राम ने वनजंघ से कहा--"हे भद्र ! तुम मेरे लिए भामण्डल (साले) के समान हो । तुमने मेरे पुत्रों का पालन-पोषण और योग्य शिक्षा दे कर योग्य बनाया ।"
राम-लक्ष्मणादि स्वजन-परिजन सहित युद्धस्थल से चल कर अयोध्या में आये। नागरिकजन कुतूहल पूर्वक अपने राजकुमारों को निहार कर हर्षित हो रहे थे। रामलक्ष्मण ने पूत्र-जन्मोत्सव के समान पुत्रागमन का महोत्सव मनाया।
सतीत्व-परीक्षा और प्रव्रज्या लक्ष्मण, सुग्रीव, विभीषण, अंगद और हनुमान आदि ने राम से निवेदन किया--
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