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संकलना :
समत्व पाने का निर्णय । डाकू माधोजी निर्मोही बना ।
अपूर्व और असाधारण बात ।
मौन कैसे सरल हुआ ?
चार बातों का ममत्व टूटना चाहिए
स्वजनों का
परिजनों का
वैभव-संपत्ति का
शरीर का
निमित्त और उपादान का तत्त्वज्ञान * दुनिया से कोई मतलब न हो ! उपसंहार
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शान्त सुधारस
प्रवचन : ५
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