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हजार राजाओं ने भी दीक्षा ले ली । एकत्व और समत्व की आराधना करतेकरते श्री रामभद्र महामुनि वगैरह ने मुक्ति पा ली। एकत्व और समत्व से मुक्ति : ___ सभी कर्मों से मुक्ति पाना है तब तो एकत्व और समत्व की आराधना करनी ही होगी, परंतु इस जीवन में शारीरिक-मानसिक संतापों से-क्लेशों से मुक्ति पाना है, तो भी एकत्व और समत्व की आराधना करनी होगी । एकत्व-भावना का चिंतन प्रतिदिन करना होगा । इस भावना को आत्मसात् करनी होगी ।
आज गेयकाव्य की चार गाथाओं पर विवेचन किया है। कल शेष चार गाथाओं पर विवेचन कर, एकत्व-भावना का विवेचन पूर्ण करेंगे।
आज बस, इतना ही।
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शान्त सुधारस : भाग १
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