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शान्त सुधारस
प्रवचन : १७ संसार भावना - १
: संकलना : * भीषण है संसार * लोभ का दावानल
लोभ से विनाश
विषयलालसा : मृगतृष्णा * अभयकुमार और चार मुनिवर
पत्नी का विश्वासघात : महाभयम् * धनद मुनिवर : अतिभयम्
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