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शान्त सुधारस
प्रवचन : १८
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संसार भावना
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⭑ मनुष्यभव के दुःख
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एक गुजराती काव्य : नटवो
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संसार की चार गति में परिभ्रमण
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भवितव्यता
* अनन्तकाल, अनन्त परिभ्रमण
अनादिसंसार में
नरक के दुःख
संकलना
चौनक मुनि की आत्मकथा 'भयाद्भयम्'
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२
१० प्रकार की क्षेत्रवेदनाएँ
दूसरे प्रकार की १० वेदनाएँ
परस्परकृत वेदनाएँ परमाधामी - देवकृत वेदनाएँ
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