Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अनुभव
अनुस्वार का सम्बन्ध । ४. विषय, प्रयोजन, अधि- अनुलेख-(न०) नकल। २. श्रुत लेखन । कारी तथा सम्बन्ध-इन चारों का समूह अनुलोम-(न०) १. ऊपर से नीचे की ओर (वेदान्त)। ५. वस्तु, जीव या अंग क्रमशः उतार । २. संगीत का अवरोह ।
इत्यादि में होनेवाला पारस्परिक संबंध । ३. यथाक्रम । ४. नीच वर्ण की स्त्री के अनुभव-(न०.. १. परीक्षणों, प्रयोगों द्वारा साथ का (विवाह)। संचित ज्ञान । प्रयोग द्वारा प्राप्त ज्ञान । अनुलोमज-(न०) अनुलोम विवाह से २. संवेदना शक्ति से प्राप्त बोध । उत्पन्न हुई संतान । तजुर्बा | अनुभूति ।
अनुवाद-(न०) कही या लिखी हुई बात अनुभवरणो-(क्रि०) अनुभव करना। को दूसरी भाषा में कहना या लिखना। अनुभवी-(वि०) अनुभव वाला । तजुर्बा- .
भाषान्तर । कार।
अनुवादक-(न०) भाषान्तरकार । अनुभाव-(न०) १. मनोगत भावों से अनुशासक-(न०) १. अनुशासन करने
उत्पन्न शारीरिक चेष्टाएँ । रोमांच वाला । २. आज्ञा देने वाला ।
इत्यादि । २. महिमा । ३. प्रभाव । अनुशासन-(न०) १. नियमानुशीलता । अनुभूत-(वि०) अनुभव किया हुआ। वह विधान जो किसी संस्था या वर्ग के अनुमति-(ना०) १. सम्मति । २. अनू- सभी सदस्यों को मर्यादा में रह कर कार्य मोदन । मंजूरी।
अथवा आचरण करने के लिये बाध्य करे। अनुमान-(न०) १. अंदाज । अटकळ ।
२. प्राज्ञा । आदेश । ३. उपदेश । २. तर्क । ३. न्याय । शास्त्र के चार ।
४. नियम । कायदा । ५. शासन करना। प्रमाणों से एक । अनुमिति का साधन ।
६. महाभारत का एक पर्व ।
अनुष्टुप-(न०) आठ वर्गों के पद वाला अनुमानगो-(क्रि०) अनुमान करना।
एक वर्ण वृत्त । एक छंद । अनुमोदन-(वि०) अनुमोदन करने वाला।
।। अनुष्ठान-(न०) १. फल की अपेक्षा से अनुमोदरणो--(क्रि०) अनुमोदन करना ।
की जाने वाली देवता की पूजा या सम्मति देना । मंजूरी देखो।
आराधना। २. कोई धार्मिक क्रिया । अनुमोदन-(न०) १. समर्थन । २. सम्मति ।
३. कार्यारम्भ । ४. कार्य का विधिटेको।
पूर्वक सम्पादन । अन्यायी-(वि०) १. पंथ या मत का। अनुसरण-(न०) १. अनुकरण । नकल ।
२. अनुसरण करने वाला । ३. शिष्य । अनसरणो-(क्रि०) अनुकरण करना । अनुरक्त-(वि०) १. रंगा हुआ । २. पीछे चलना। २. आसक्त ।
अनुसंधान-(न०) १. अन्वेषण । खोज । अनुराग-(न०) १. प्रेम । २. प्रणय भाव। २. जांच-पड़ताल। ३. पाशक्ति । प्रत्यंत लगाव ।
अनुसार-(क्रि०वि०) १. अनुकूल । सदृश । अनुरागी-(वि०) अनुराग वाला । प्रेमी। २. के समान । की तरह । अनुरूप-(वि०) १. सदृश । २. तुल्य । अनस्वार-(न०) १. स्वर के पीछे उच्चरित ३. उपयुक्त।
होने वाला अनुनासिक वर्ण । २. वर्ण के अनुरोध-(न०) १. प्राग्रहपूर्वक विनय ।।
ऊपर लगने वाला अनुनासिकता सूचक २. विनय पूर्वक प्राग्रह।
बिन्दु। ()।
For Private and Personal Use Only