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प्रथमः पादः
(इति होने पर)-तह त्ति..."पुरिसोत्ति । पद के आगे ही इति में आदि स्वर का लोप होता है; वैसा न होने पर लोप नहीं होता है । उदा० ) इअनिलयाए ।
लुप्त-य-र-व-श-ष-सां शषसां दीर्घः ।। ४३ ।। प्राकृतलक्षणवशाल्लप्ता याद्या उपरि अधो वा येषां शकार-षकार-सकाराणां तेषामादेः स्वरस्य दीर्घो भवति। शस्य यलोपे। पश्यति पासइ। कश्यपः कासवो । आवश्यकं आवासयं र-लोपे । विश्राम्यति वीसमइ । विश्रामः वीसामो। मिश्रं मीसं। संस्पर्शः । संफासो। वलोपे । अश्वः आसो। विश्वसिति वीससइ । विश्वासः वीसासो। शलोपे। दुश्शासनः दूसासणो। मनश्शिला मणासिला। षस्य य-लोपे। शिष्यः सीसो। पुष्यः पूसो। मनुष्यः मणूसो। रलोपे। कर्षकः कासओ। वर्णाः वासा । वर्षः वासो। वलोपे। विष्वाणः वीसाणो। विष्वक वीसं । षलोपे । निष्षिक्तः नीसित्तो । सस्य यलोपे । सस्यम् सासं । कस्यचित् कासइ । रलोपे। उस्रः ऊसो। विस्रम्भः वीसंभो । वलोपे । विकस्वरः विकासरो। निःस्वः नीसो। सलोपे । निस्सहः नीसहो। न दीर्घानुस्वारात् (२.१२) इति प्रतिषेधात् । सर्वत्र अनादौ शेषादेशयोद्वित्वम् (२.८९ ) इति द्वित्वाभावः।।
प्राकृत व्याकरण के अनुसार, ( संयुक्त व्यंजन में से ) प्रथम अथवा द्वितीय अवयव होने वाले य् र् व श ष और स् व्यञ्जनों का लोप होकर, अवशिष्ट जो शकार, षकार और सकार होते हैं, उनके आदि स्थर का दीर्घ ( स्वर ) होता हैं । उदा-श में का लोप होने पर, श के बारे में-पश्यति...'आवासयं । (श्र या शं में ) र का लोप होने पर --विश्राम्य ति..... 'संफासो। (श्व में) व् का लोप होने पर - अश्वः... वीसासो। ( एश में ) श् का लोप होने पर--दुश्शासनः... 'मगासिला । (ज्य में ) य का लोप होने पर, के बारे में-शिष्यः ... "मणूसो । (र्ष में ) र का लोप होने पर-कर्षकः ....'चासो। (ब्द में ) व् का लोप होने पर--विष्वाणः.....वीसु। (ष में ) ष का लोप होने पर:-निष्षिक्तः नोसित्तो। ( स्य में ) य का लोप होने पर, स् के बारे में-शस्यं .... कासइ । (स्र में ) र् का लोप होने पर-उस्रः .. .. वीसंभो। (स्व में) व् का लोप होने पर ---विकस्वरः.... 'नीसो । ( स्स में ) स् का लोप होने पर-निस्सहः नीसहो । 'न दीर्धानुस्वारात' ऐसा निषेध होने से, (उपर्युक्त) सर्व स्थानों पर 'अनादी शेषादेशयोढिरवम्' सूत्र से होनेवाला द्वित्व नहीं होता है ।
अतः समृद्ध्यादो वा ॥ ४४ ॥ .. समृद्धि इत्येवमादिषु शब्देषु आदेरकारस्य दीर्घो वा भवति । सामिद्धी समिद्धी। पासिद्धी पसिद्धी। पायडं पयडं । पाडिवआ पडिवआ। पासुत्तो पसुत्तो। पाडिसिद्धी पडिसिद्धी। सारिच्छो सरिच्छो। माणंसीमणं सी।
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