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( १८ ) (E) पथ्य के विगाड़ से ही अनेक बीमारियां जगत में फैलती हैं।
(१०) पथ्य रखने से सहसा रोग का आक्रमण नहीं होता है। ___ (११) बड़ी बड़ी बीमारियां पथ्य से चलने वाले मनुष्यों को नहीं होती है।
(१२) पथ्य में रहने से, बिना औषध भी रोग दूर हो जाते हैं।
(१३) पथ्य न रखने से साधारण रोग भी अन्त में असाध्य हो जाते हैं।
(१४) असाध्य बीमरियां पथ्य रखने से ही प्राराम होती है।
(१५) अनेक बीमारियां तो केवल पथ्य में सुधार करने से ही दूर हो जाती हैं। __(१६) औषधियों का गुणः पथ्य रखने पर ही पूरा पूरा मिल सकता है।
(१७) यदि पथ्य न रखा जावे तो हमार दवाइयां लिया करें, पर रोग मिटना कठिन हो हे ता है।
(१८) संग्रहणी बवासीर, कुष्ट, क्षय आदि भयानक रोग तो पथ्य रखने से ही आराम हो सकते हैं।
(१६) पथ्य में चलने से हैजा आदि संक्रामक रोगों से बचाव रहता है।
( २० ) दायमुलमरीज (पिण्डरोगी ) के लिये पथ्य ही एक उनके जीवन का सहारा होता है।
(२१) जीवन बरबाद करने में कुपथ्य के बराबरी करने वाला एक भी पदार्थ नहीं समझा गया है। .
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