________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पथ्य
( १५३ )
अप
संग्रहणी मंदाग्नि
कफ पित्त रोग
श्वास उल्टो
प्रमेह तृषा
शूल अतिसार
यकृत रोग चावलों के अजीर्ण में नरियल का जल, दूध, दही वा नोवू फायदा करता है। ___ नये चावलों से अजीर्ण और पेट में दर्द होने लगता है इससे बने वहां तक पुराने चावल खाने चाहिये । चावल पचते सब से जल्दो है पर पोषण पदार्थ इसमें कम होता है। ___ एक वर्ष का पुराना चावल अच्छी तरह बलकारी और लघु होता है । फिर क्रमशः बलकारित्वगुण नष्ट होने लगता है। नये चावल बलकारी होते हैं किन्तु चे भारी और कफ बढ़ाने वाले होते हैं। ___ चावल बहुत साफ़ किये हुवे न होने चाहिये कारण चावला के ऊपर के अंश में फोस फरस ( I hosphorous ) और लोह ( Iron) होते हैं जो मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाते है तथा रक्त को साफ करते हैं। अतः हलके मोटे चावल ही उप योग में लाये जायें।
गेहूं। सव धान्यों में गहूं पुष्टि कर और चावल जल्दी पचने वाले हैं। और इनका पथ्य रोगो के लिये हित कर है।
गेहूं को चोपड़ कर घृत लगा कर खाना चाहिये पर तीव्र
For Private And Personal Use Only