Book Title: Pathya
Author(s): Punamchand Tansukh Vyas
Publisher: Mithalal Vyas

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Page 189
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १७० ) अपथ्य प्रायः सभी बीमारियाँ में ज्वर जीर्ण ज्वर मन्दाग्नि तिलार सूजन संग्रहणी कास कफ पाण्डु लीवर बच्चे अजवायन, सोडा इसको जल्दी पचाता है। लूखी । बीमारी में न प्राय: लूखा ही देना चाहिये । इससे अन्न जल्दी पचता है, भूख ज्यादा लगती है। ताक़त ज़रूर कम श्राती है और धीरे २ श्राती है पर जल्दी चोपड़ देने से अग्नि बढ़ती नहीं तथा कई रोग दूर नहीं होते हैं। लूखी रोटी गर्मी भी करती है । हमेशा लूखी खाना बुरा है पर यदि अन्न ज्यादा खाया जावे (स्वास्थावस्था में) तो उससे लूखी की कमी की पूर्ति हो जाती है। हमेशा लूखी खाने से शरीर सूख जाता है। For Private And Personal Use Only

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