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( १२७ ) (E) बड़ी हुई, सनाकी पत्ती और रेवंदीनी को बराबर वजन
में लेकर बारीक पीस के बेर के प्रमाण गोली बना के रात को सोते समय गर्म दूध, या पानी से एक दो गोली
खावें । प्रातःकाल दस्त साफ होगा। (१०) पाचक सारक चूर्ण
सोंठ, सनाय, हर्ड, सैंधव लवण, निसोत संचल नमक और सौंफ को समान भाग ले के बारीक पीस के रक्खें । रात को सोते समय ३--४ माशे खाने से
दस्त साफ होगा। (११) मंजिष्टादि चूर्ण
मजीठ २॥ तोले, गुलाब के फूल ५ तोले, त्रिफला १० तोले, छोटो हर्ड ५ तोले सोफ २|तोले, सना १० तोले, पाषाण भेद २॥ तोले इलायची २॥ तोले तुख्मकासनी ॥ तोले, गोखरू २॥ तोले, सोरा खार २॥ तोले, इन सब बस्तुओं को बारीक पीस कर ठंडे जल से २ माशा से ४ माशा तक खावें । इससे मल और मूत्र दोनों साफ होंगे। रक शोधन और दाह शान्ति के लिये
भी यह अच्छा है। (१२) शिवाक्षार पाचक चूर्ण
सोंठ, मिर्च, पीपल, अजमोद, सेंधानमक, स्याहजीरा, सफ़ेद जीरा, हरड, साजीखार, सब चीजें १---१ तोले, हींग ( सेको हुई ) ४ माशे सब चीजों का चूर्ण करके २ माशे से ६ माशे तक खावे इससे अजीर्ण, मलावरोध, मन्दाग्नि और अम्लपित्त में फायदा होगा।
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