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( १३४ )
अपथ्य प्रारम्भ में लंघन (जब तक रोग शान्त हो) अन्न देना उपद्रव शान्त होने पर चने आदि सेके धान्य। प्रारम्भ में चावलों का मांड देर से पचने वाली चीजें। वा मूग का पानी देना ज्यादा खाना। चाहिये।
दृध बिना उबाला पीना साबूदाना-फिर दलिया चावल कांदा छाछ दूध (चने के पानी के साथ) जल
उवाल करके पोला ठण्डा : अस्वच्छ जल पीना करके दिया जावे। बर्फ के टुकड़े (तृषा अधिक हो तो) पानी कम देना चाहिये, पानी के स्थान सोड़ा वाटर दिया जाये। थोड़ा २ पानी बार बार दिया जावे। जल में थोड़ा नमक मिला दिया जावे। रहन सहन (१) शान्ति और धैर्य रखना
(१) स्नान करना। (२) स्वच्छता
(२) आग तापना! (३) स्वच्छ और ताजी हवा तथा काफी हवा।
(३) धूप में बैटना।
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