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पथ्य
अपथ्य (6) Complete Rest.
(४)श्रम करना। पूर्ण विश्राम (५) हाथ पैर गर्म रखना
(५) व्यायाम। ठंडे हो जाय तो तपा दन चाहिये । जिस समय हैजे की बीमारी गांव में हो उस समय तन्दुरस्त लोगों को नीचे लिखे अनुसार पथ्य करना चाहिये।
(१) यह बीमारी कीड़ों के द्वारा उत्पन्न होती है अतः काम में आने वाली सभी चोजें उबाल कर व गर्म पानी से धोकर काममें लानी चाहिये । पानी दूध तथा मक्खियों के द्वारा ये कीड़े इधर उधर फैलते हैं अतः जल और दूध औटाकर पीना चाहिये, वरतन वगैर सब औटाये गर्म जल से साफ़ करने चाहिये और खाने की चीजों को मक्खियों से छूने न देना चाहिये।
२) हाजमे में खराबी हो वैसी चीजें काम में नहीं लानी चाहिये । कच्चे तथा सड़े हुये फल ! खरबूजा, ककड़ी ) बासी अन्न, कभी नहीं खाना चाहिये। कन्द आदि को उबाल कर वा गर्म जल से धोकर खाने चाहिये।
(३) खाली पेट (अर्थात भूखे) हैजे के बीमार के पास नहीं जाना चाहिये । बाहिर निकलने के पहिले कुछ बालेना जरूरी
४) हैजे के बीमार के पास जाने के बाद हाथ पर अच्छी . तरह गर्म जल तथा सावुन से धो लेना चाहिये।
(५) हैज के दिनों में थकावट वा सरदी वा हरारत से बचना चाहिये न अटरम सटरम खाना चाहिये।
(६) हैजे के दिनों में जुलाव नहीं लेना चाहिये।
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