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नींबू
क्षार
उड़द मीठाई
वायविडंग
पान
दही
दूध
कांजी
हींग गोमूत्र तैल (रोटी पर लगा कर) अजवायन
।
शाकभाजी
जलरहन सहन
ठण्डा जल दिन में सोना
सुजाक।
Gonorrhoea. यह संक्रामक-चेप से दूसरे के लगने वाला-रोग है । इस में स्वच्छता रखने की और विशेष ध्यान रखना चाहिये । बहुत से लोग प्रारम्भ में इसे छिपा रखते हैं परन्तु इससे उन्हें बहुत हानि होती है। सूजाक वाले के सन्तान नहीं होती है अतः इस रोग से सदा बचना चाहिये। रोग हो जाने पर तुरन्त ही धैर्य के साथ इलाज कराना चाहिये।
पथ्य तीदण (तरुण) अवस्था मेंहलका आहार।
मरिच
चटनी चावल
प्राचार फल हरे
खटाई
गर्म वस्तु
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