________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
( १२३ ) पुराना सुजाक हो जाने पर पौष्टिक और रक शोधक द्रव्य लेना चाहिये
| गर्म वस्तुये
गर्म मसाला
। खटाई साधारण पथ्य जो पहिले प्रारम्भ में कहा है वह पालन करना चाहिये । पिचकारी लगानी चाहिये।
धृत
दूध
गर्मी।
Syphilis. भयङ्कर और बुरी बोमारी है। संक्रामक है। इस रोग को छिपाना नहीं चाहिये किन्तु धैर्य से इलाज तुरंत कराना चाहिये । यह बीमारी जल्दी नहीं किन्तु धीरे २ श्राराम होती है। गर्मी वाले की सन्तान पूरे महीने की नहीं होती है, अक्सर गर्भपात होता रहता है। स्वच्छता अधिक रखने की जरूरत है। पथ्य सूजाक में बतलाया है वह तथा 'साधारण पथ्य' जो पहिले कहा है वह पालन किया जावे। ठंडी वस्तुयें नहीं ली जावें । खून साफ की दवायें सेवन की जावे। नमक सैंधव ही ले।
प्रदर।
Leucorrhoea. पथ्य पहिले 'सामान्य पथ्य' में कहा है उसका पालन किया जावे । स्वच्छता रखी जावे । चाह काफी का सेवन बन्द किया जावे।
For Private And Personal Use Only