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( ८७. )
ज्वर में उपद्रव । ज्वर में कहे अनुसार ही पथ्य रखना। जो उपद्रव हो उसका पथ्य भी पालन करना चाहिये। ज्वर में शीत में आजाने पर- .
अपथ्यः ठण्ड लगने देना। . ठण्डी वस्तु देना। ठण्डा पानी पिलाना। शरबत देना। अन्न देना।
पथ्य गर्म पेय पिलाना। चाह-तुलसी, काफी, की चाय देना। सोंठ का क्वाथ देना। हाथ पैर में तेल मसलाना। हाथ पैर तपाना। गर्म पानी से सेंक करना।
औषध भैरवरस अमृत संजीवनी गुटी अमर सुन्दरी गुटी दिवालमुष्क लोग का काथ कस्तूरी
अतिसार ।
DIARRHEA प्रायः अपचन से दस्ते लगती हैं श्रतः भूख हो उससे ज्यादा और भारी चीज़ नहीं खानी चाहिये । कभी २ गर्मी से
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