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( ११७ ) वृन्ताक
मलाई करेला
छाछ चावल
आमली आद्रक
अमचर दृध (पतला, सोडा मिला चवला कर।)
खीच बाजरी का नीबू (दर्द अधिक हो तब नहीं।)
जलहलका, स्वच्छ और क्षार ठंडा जल वाला जल पीना चाहिये। उबाल कर ठंडा किया।
रहन सहन(१) गर्म कपड़े पहिनना ।
(१) सर्दी से बचाय न (२) तैल मसलाना।
रखना। (३) गर्म जल से स्नान (२) मलमूत्र के वेग को
रोकना। करना। (४) सेक।
(३ रात को जागना। (५) बफारा देकर पसीना (४) अधिक श्रम करना। निकालना।
(५) गन्दे और बन्द मकान (६) पसीने वाले कपड़े में रहना। जल्दी बदल देना।
१६) पूर्व का पवन सेवन (७) दर्द वाले स्थान को
करना। फलानेल के कपड़े से ढके (७) चिन्ता। रखना।
(८) शोक। (E) पवन से बचना।
(8) क्रोध। (8) सर्दी से बचना। (१०) उद्वेग।
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