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(१०)
(१७) ब्रह्मचर्य का पालन न करना। (१८) एक जगह बैठे रहना (१६) अधिक परिश्रम
करना। इस रोग का इलाज हमारे यहां शर्तिया किया जाता है। अन्न बन्द करके दूध, दही वा छाछ के अनुपान सेदवा दी जाती है और रोगी जल्दी श्राराम होता। जो इस रोग से पीड़ित हो वे हमारी सलाह से लाभ उठावें।
मसा-अर्श । ( Piles.) दस्त साफ़ रोज़ पाजावे इसका प्रबन्ध रखना। कब्जी . करने वाली कोई वस्तु सेवन न की जावे । एक स्थान पर बहुत देर तक नहीं बैठे रहना चाहिये । स्वच्छ हवा में घूमना बहुत हितकर है। नियमित व्यायाम करें। पथ्य
अपथ्य दूध (किसी किसी के दूध से खून पड़ने लग
दाह कारक अन्न जाता है अतः मुला
कबजी करने वाले अन्न फिक न हो तो न
भारी वस्तुयें पाचन में हानि करने वाली
चीजें छाछ (चित्रक मिला कर
उड़द पर खून पड़ता हो श्राम तबचित्रक क्रीछालन
तैल मिलाई आवे।) श्रामली
दही
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