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रोटी गेहूं की लूखी श्रंगार बाटिया खा
वृन्ताक | मेथी सुखी-हरी बड़ी (दस्ते लगती हो तो
नहीं)
चंदलिया ।
पोदीना ।
अनार
अंगूर
नीबू
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पापड़ | स्वाद के लिये खींचिया कम मात्रा में श्राद्रक सैन्धव के साथ मिन का दाख ( सैन्धव पीपल मिला कर गर्म कर के भी दी जा सकती है । ) सेव (पित्त अधिक हो व पाचन शक्ति का बिगाड़ हो तो) नारंगी ( पित्त अधिक हो वमन व तृषा का उप
द्रव हो तो । )
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( ६८ )
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नीबू का श्राचार- ( लूणिया) मोगर तला हुआ ( कम
मिरच का )
की (ताव न हो
सेव घृत उस समय श्ररुचि को दूर
ट्स खाना । बार २ भोजन ।
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