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युकलिप्स तेल तोला १ तिल्ली का तैल तोला ५
मिश्रित करके शीशी में रख छोड़ें। सोते समय थोड़ा सा यह तेल शरीर पर, हाथ, पांव तथा मुंह पर मल लिया जावे। इससे मच्छर पास नहीं आवंगे और न काटेंगे। यह तैल सुगन्ध में भी अच्छा होता है जो सभी को पसन्द पड़ सकता है। यह मच्छरों से बचने के लिये अच्छा सक्रांमक उपाय है, सुगन्ध भी बुरी नहीं है और महंगा विशेष नहीं पड़ता है।
जो लोग इसे प्राप्त नहीं कर सकते हैं उन्हें तिल के तेल में थोड़ा घासलैट और कपूर मिला कर हाथ पैर में लगाना चाहिये।
तारपीन का तेल भी इसी प्रकार मलने से मच्छर नहीं काटते हैं।
रोसमरी का तेल, तथा लैमन ग्रास तैल, भी इसी तरह उपयोगी है।
नीबू का तैल मुंह हाथ पैर और शरीर के खुले अंग पर लगाने से मच्छर नहीं काटते हैं। ___ इन सब तैलो से क्षणिक हित होता है। तेल की सुगन्ध ज्यों ही की कम हुई कि मच्छर फिर श्राने लगते हैं। इनसे घण्टे अाध घण्टे असर रहता है। ___मच्छर काले, लाल, पीले और हरे रंग पर विशेष पाते हैं अतः इनसे बचने के लिये सफेद रंग के कपड़े व्यवहार में लाये जायें।
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