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( ६५ ) (४) रोगों के ओढ़ने,बिछाने पानी ढोल कर 'चोखला' तथा पहिनने के कपड़े समय करना समय पर यदले जावें। कपड़े (E) शक्ति से अधिक परिबहुत साफ और धुले हुये श्रम करना। रखे जायें।
(१०) बहुत बोलना। (५) रोगी के कपड़ों को (११) धन्धे का फिक कभी २ धूप भी दिखा दी करना। जाये।
(१२) कमरे में आदमियों (६) रोगी के कमरे में की बहुत भीड़ होने देना। भीड़ न होने दी जावे। (१३) रोगी को घड़ी २ (७) रोगी के कमरे में उठाना, बैठाना तथा बतस्वच्छता रखो जावे।
लाना। (८) रोगी के कमरे में (१४) रोगी को दिक प्रोद्रता वा शोल Damp- करना, डराना व धमकाना। neSS न होने पावे इसके लिये वहां श्राम पाल पानी म ढोला जावे। (8) रोगी के कमरे में धूप अगरबत्ती, रोज जलाई जावे। (१०) रोगी को किसी प्रकार की खेचल-परिश्रम न करने देना। (११) रोगी को सदा एक से Temperature ताप मान वाले स्थान में रखना चाहिये। (बिना खास जक
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