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( ६४ )
ईंट अवस्था में ) गर्म किया जल
अधिक उबाला जल ( तीक्ष्ण बीमारियों में तथा संक्रामक
रोगों के समय ।)
बुझाया जल (साधारण
रहन-सहन
( १ ) रोगी के कमरे में हवा अच्छी तरह आती और जाती रहे इसके लिये बारी बारने खुले रखे जावें (तीव्रव्याधि, अत्यन्त निर्वला चस्था तथा शोतकाल में Caution रुकाव के साथ इसका उपयोग हो ।)
(२) रोगी के कमरे में उजि याला श्राता रहे वैसा प्रबन्ध रखें
(3) योमार के शरीर पर हवा का झोका न लगने पावे इसकी खासतौर पर सम्हाल रखी जावे ( रोगो का शरीर गर्म कपड़ों से खूब ढका रखा जावे तथा उस की खाट बारी बारने के पास नहीं बिछाई जावे ।)
Špangala
गर्म जल में ठंडा जल मिला
कर पिलाना ।
(१) रोगी के कमरे में हवा बिलकुल न आने देना । (२) रोगी ने बिछाने तथा पहिनने के कपड़ों का | अच्छा प्रबन्ध न रखना ।
(३) हवा का झोका शरीर पर लगने देना ( काफी ज़रू रत अनुसार गर्म कपड़े शरीर पर न रखना ।)
(४) स्वच्छता न रखना
(५) कमरे में ग्रहस्थ की बहुत सी वस्तुयें पड़ी रखना भीड़ रखना ।
(६) मैले कुचैले कपड़े पहिनना
(७) धूप तथा उजियाले की रोक रखना ।
(८) कमरे में जहां तहां
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