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48... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा
असा मुद्रा-2
सुपरिणाम
इस मुद्रा के अनेक लाभ देखे जाते हैं
• शारीरिक स्तर पर यह शरीर की शिथिलता एवं थकान को दूर करती है। जैसे कुशल योद्धा के हाथ में रहा हुआ अस्त्र स्वयं के शरीर की सुरक्षा करता हुआ दुष्ट शक्तियों को उपशान्त करता है वैसे ही यह अस्त्र मुद्रा हमारी जीवनी शक्ति को बढ़ाती हुई दुर्भावों का नाश करती हैं। इस मुद्रा के प्रभाव से देहजनित नाड़ियों की शुद्धि होती है। ____ विविध धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोगी यह मुद्रा स्वाधिष्ठान एवं आज्ञा चक्र को प्रभावित करते हुए अवचेतन मन की क्रियाओं को नियंत्रित करती है। प्रजनन तंत्र एवं युरिनरी सिस्टम को भी प्रभावित करते हुए अवसाद, कामुकता, अनिश्चय आदि की समस्या का निवारण करती है।