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76... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा
• मौलिक दृष्टि से इस मुद्रा के द्वारा अणाहारी पद की साधना सुगम बनती है। साधक को वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है। इन्द्रियाँ विषय-कषायों के बन्धन से मुक्त होती है। इससे अविकारी भावों का उद्भव होता है। मूलाधार एवं विशुद्धि चक्र की ऊर्जा आत्मबल में अभिवृद्धि करती है। विशेष
• एक्यूप्रेशर चिकित्सा के अनुसार पाश मुद्रा में अंगूठा एवं तर्जनी के अग्रभाग पर दबाव पड़ने से मस्तिष्क की क्षमता विकसित होती है और सिरदर्द दूर होता है। 22. अंकुश मुद्रा ___अंकुश का शाब्दिक अर्थ है वश में करना। इस अर्थ के दो अभिप्राय हो सकते हैं
बाह्य दृष्टि से विरोधी तत्त्वों या दुष्ट आत्माओं को वश में करना तथा
अंकुश मुद्रा