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214... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा
13. सिंह मुद्रा
सिंह को जंगल का राजा माना जाता है अतः इसे वनराज कहते हैं। सिंह पशु श्रेणी के अन्तर्गत होने के बावजूद भी उसमें अनेक विशेषताएँ दृष्टिगत होती हैं।
• यह शूरवीर, पराक्रम एवं निर्भीकता जैसे गुणों का प्रतीक है। • इसकी गर्जना मात्र सुनकर जंगली पशु-पक्षी अपने प्राण रक्षार्थ सावधान हो जाते हैं।
• यह भूख लगने पर ही शिकार करता है, यदि उदर तृप्त हो तो अनावश्यक वध नहीं करता। इसकी यह प्रवृत्ति अपरिग्रह सिद्धान्त को पुष्ट करती है तथा लोभ के मोह में फँसे हुए को त्याग की प्रेरणा देती है ।
• सिंह मृत पशु का भक्षण नहीं करता। वह स्वयं के पराक्रम से उपलब्ध आहार का ही सेवन करता है । यह वृत्ति व्यक्ति को स्वावलम्बी जीवन जीने एवं निरन्तर परिश्रम करने का संकेत करती है ।
सिंह मुद्रा