Book Title: Jain Mudra Yog Ki Vaigyanik Evam Adhunik Samiksha
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 380
________________ 316... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा 97. अक्ष मुद्रा अक्ष शब्द अनेक अर्थों का ज्ञापक है। यहाँ अक्ष का अर्थ आध्यात्मिक है। यह मुद्रा अक्षयनिधि तप करने पर तथा प्रतिष्ठा काल में अक्षतों और वासचूर्ण का प्रक्षेपण करने पर प्रदर्शित की जाती है। इसका बीज मन्त्र 'य' है। विधि " वामहस्तस्य मुष्टि बंधने अक्षमुद्रा ।' बायें हाथ की मुट्ठी बांधने पर अक्ष मुद्रा बनती है। अक्ष मुद्रा सुपरिणाम · अक्ष मुद्रा का प्रयोग स्वाधिष्ठान एवं आज्ञा चक्र को सक्रिय एवं नियंत्रित करते हुए उसमें आई हुई रुकावटों को दूर करता है। यह मुद्रा एकाग्रता एवं स्थिरता प्रदान करते हुए भय, ईर्ष्या, राग-द्वेष को दूर कर शरीर को

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