Book Title: Jain Mudra Yog Ki Vaigyanik Evam Adhunik Samiksha
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 393
________________ मुद्रा प्रकरण एवं मुद्राविधि में वर्णित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...329 सिद्ध मुद्रा • फिर 'ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं' इस पद का तीन बार उच्चारण करें। • फिर श्वास को भरते हुए नमस्कार मुद्रा की स्थिति में ही हाथों को सीधा ऊपर की ओर ले जाएँ। • ऊपरी भाग में दोनों हथेलियों को इस तरह खोलें कि सिद्धशिला का आकार बन जायें। (इस समय बाँहें कानों का स्पर्श करते हुए, हाथ सीधे एवं दोनों मणिबंध एक दूसरे से संयुक्त रहे)। - • सिद्धशिला की मुद्रा में कुछ सैकण्ड के लिए श्वास को रोक कर रखें। • फिर शनैः शनैः श्वास छोड़ते हुए हथेलियों को बन्द करें और हाथों को सीने के मध्य आनन्द केन्द्र पर ले आना सिद्ध मुद्रा है। सुपरिणाम • शारीरिक दृष्टि से अर्ह मुद्रा के सभी लाभ इसमें होते हैं। इसके साथ

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