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आचारदिनकर में उल्लिखित मुद्रा विधियों का रहस्यपूर्ण विश्लेषण ...233 हुए यह मुद्रा कामवासना का उपशमन करती है। सद्विचार, सद्बुद्धि एवं सत्संस्कारों का जागरण करती है तथा जीवन पद्धति एवं मनोवृत्तियों को नियंत्रित करते हुए यह मुद्रा तनावमुक्ती एवं प्रसन्नता देती है।
इससे जीवात्मा का परमात्मा से मिलन या साक्षात्कार की संभावना भी बढ़ जाती है। . उपरोक्त अध्याय में आचार दिनकर ग्रंथ में उल्लेखित मुद्राओं का सस्वरूप विस्तृत वर्णन किया गया। इस वर्णन का मुख्य ध्येय विधि-विधानों में प्राण तत्त्व का संचार करना है। वर्तमान में विधि-विधान तो बढ़ रहे है परन्तु उन विधानों से आन्तरिक जुड़ाव समाप्त होता जा रहा है। इसका एक मुख्य कारण है उनकी अधुरी या नहींवत जानकारी तथा उसके सपरिणामों के विषय में अज्ञेयता। इसी हकीकत को ध्यान में रखकर मुद्रा प्रयोग की सम्यक विधि एवं उसके लौकिकलोकोत्तरक परिणामों का प्रामाणिक रूप आराधक वर्ग के समक्ष प्रस्तुत किया है। यह साधक वर्ग को अवश्य लाभान्वित करेगा।