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जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा
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विकसित पद्म मुद्रा
32. सनाल कमल मुद्रा
हाथों की वह रचना, जिसके द्वारा कमल को डंडी (नाल) सहित दिखाया जा सके, वह सनाल कमल मुद्रा कहलाती है।
इस मुद्रा को दिखाते समय इस तरह के भाव रखने चाहिए कि हमें अपनी शक्ति के मूल स्रोत को पहचानते हुए उसे प्रकट करना है । कमल की डंडी मूल स्रोत का प्रतीक है।
यह मुद्रा गौतम स्वामी के मन्त्र जाप के अवसर पर की जाती है। इसका बीज मन्त्र 'ढ' है।
विधि
"अञ्जलिं बद्ध्वा द्वयोः करयोरनामिकाद्वयं आत्मसंमुखं क्रियते आमणिबंधं कनिष्ठिकाद्वयं योज्यते अपरांगुली विरली करणे सनाल कमल मुद्रा । "