Book Title: Jain Mudra Yog Ki Vaigyanik Evam Adhunik Samiksha
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 374
________________ 310... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा इसका बीज मन्त्र 'ड' है। 85. अभय मद्रा इस मुद्रा का स्वरूप विधिमार्गप्रपा में वर्णित मुद्रा नं. 64 के समान है। इस मुद्रा का प्रयोग शान्ति निमित्त और बंदी को छुड़ाने के अवसर पर करते हैं। इसका बीज मन्त्र 'ढ' है। 86. पाशक मुद्रा फंदा अथवा जाल को पाशक कहते हैं। प्राचीन युग में युद्ध करते समय आयुध के रूप में पाश का प्रयोग किया जाता था। प्रस्तुत मुद्रा में फंदा जैसी आकृति बनती है, अत: इसे पाशक मुद्रा कहते हैं। इस मुद्रा को करने से द्यूत क्रीड़ा में विजय होती है तथा ध्यान के क्षेत्र में भी आशातीत सफलता मिलती है। इसका बीज मन्त्र 'ण' है। पाशक मुद्रा

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