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आचारदिनकर में उल्लिखित मुद्रा विधियों का रहस्यपूर्ण विश्लेषण ...219 16. कुन्त मुद्रा ___कुन्त, प्राचीन भारत में निशाना साधने का एक अस्त्र विशेष माना जाता है। इसे भाला, बाण, बी भी कह सकते हैं। आदिवासी लोग पशु शिकार के लिए आज भी इस तरह के अस्त्रों का प्रयोग करते हैं।
इस मुद्रा को बनाते वक्त कुन्त के समान आकृति निर्मित होती है, अत: इसे कुन्त मुद्रा कहा गया है। इस मुद्रा का प्रयोग जन सामान्य की रक्षा हेतु किया जाता है। आचारदिनकर में इसे जन रक्षाकारी बतलाया गया है। विधि
"कर्णपार्श्वे बद्धमुष्टौ दक्षिणकरे धारिते कुन्त मुद्रा।" दाएँ हाथ को मुष्टिबद्ध करके उसे कानों के समीप रखना कुन्त मुद्रा हैं।
कुन्त मुद्रा सुपरिणाम
• शारीरिक दृष्टि से यह मुद्रा लीवर पर अच्छा प्रभुत्व स्थापित करती है। पाचन क्रिया मुख्य सहायक अंगों में यकृत सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अंग है। यकृत