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जैन मुद्रा
योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा
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60. भृंगार मुद्रा
सोने का
भृंगार कलश एवं घटसूचक शब्द है । संस्कृत कोश के अनुसार कलश या घट, विशेष आकार का कलश, राज्याभिषेक के अवसर पर प्रयुक्त किया जाने वाला घड़ा भृंगार कहा जाता है ।
जैन आम्नाय में इसे अत्यन्त मंगलसूचक माना गया है अतः प्रतिष्ठादि के अवसर पर इसी तरह के कलशों से प्रतिमा - ध्वजदंड आदि का अभिषेक किया जाता है।
यहाँ भृंगार मुद्रा मंगल सूचन के रूप में दिखायी जाती है ताकि अभिषेक क्रिया प्रारम्भ होने से पूर्व ही मंगलमय वातावरण उपस्थित हो जाये।
भृंगार मुद्रा
विधि
"पराङ्मुखहस्ताभ्यामंगुली विदर्भ्य मुष्टिं बद्ध्वा तर्जन्यौ समीकृत्य प्रसारयेदिति भृंगारमुद्रा । "
दोनों हाथों की अंगुलियों को अधोमुख करते हुए उन्हें अलग-अलग कर