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124... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा
• दूसरी शूल मुद्रा के दाब बिन्दु पीयूष ग्रन्थि, नाड़ी तन्त्र, अनुमस्तिष्क को नियन्त्रित करते हैं।
• यह मानसिक अवसाद, बौद्धिक क्षमता में कमी, कार्य में मन नहीं लगना आदि दोषों को सुधारने में सहयोग करती है।
• शूल मुद्रा श्वास नली की सूजन एवं बेचैनी को भी दूर करती है। 44. संहार मुद्रा
___ संहार शब्द 'सम्' उपसर्ग, 'ह' हरणे धातु एवं 'घ' प्रत्यय से निष्पन्न है। संस्कृत कोश में संहार के अनेक अर्थ प्रज्ञप्त हैं। यहाँ संहार का अर्थ मिलाकर खींचना अथवा वापस लेना है। ___इस मुद्रा को बनाते वक्त हाथ की पाँचों अंगुलियों को अपनी ओर खींचा जाता है तथा किसी वस्तु को अपनी ओर ले रहे हो, ऐसा आकार बनता है इसलिए इसे संहार मुद्रा कहते हैं।
संहार मुद्रा-1