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56... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा विशेष
• भारतीय संस्कृति की लगभग सभी परम्पराओं में देवी-देवता के आह्वानार्थ यही मुद्रा दिखाई जाती है।
एक्यूप्रेशर मेरिडियनोलोजी के अनुसार यह मुद्रा ग्रहणी (आँत के नीचे का पतला भाग), चित्त और निकास भाग को संतुलित करती है।
इस मुद्राभ्यास से आँख, नाक, कान एवं गर्दन सम्बन्धी विकार तथा पीलिया, मधुमेह और वायुजनित बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। 12. स्थापनी मुद्रा ___ स्थापनी मुद्रा का अर्थ है स्थापित करना। देवी-देवताओं को क्षेत्र विशेष में स्थापित करने हेतु जो मुद्रा दिखाई जाती है उसे स्थापनी मुद्रा कहते हैं।
आवाहनी मुद्रा को अधोमुख करने से स्थापनी मुद्रा बनती है। लौकिक व्यवहार में किसी व्यक्ति विशेष को बैठने या रुकने के लिए कहते हैं अथवा उस तरह के भाव प्रकट करते हैं तो चित्रांकित मुद्रा स्वत: बन जाती है। इसमें किसी
FATTA
स्थापनी मुद्रा