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54... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा 11. आवाहनी मुद्रा __आवाहन का शाब्दिक अर्थ है- बुलाना, पुकारना, निमन्त्रण देना आदि।
देवी-देवताओं के आह्वानार्थ जो मुद्रा बनाई जाती है उसे आवाहनी मुद्रा कहते हैं।
लौकिक जगत में भी देखा जाता है कि किसी व्यक्ति या अतिथि को सम्मानपूर्वक बुलाना है तो दोनों हाथों में चित्रानुसार मुद्रा बन जाती है। इस मुद्रा को बनाने के लिए प्रयास नहीं करना पड़ता। किसी को आदर पूर्वक आमन्त्रित करने के भाव उत्पन्न होते ही यह मुद्रा सहज बन जाती है।
इस मुद्रा की खासियत यह है कि लोकव्यवहार में जब किसी का तिरस्कार करते हैं तब अंगूठा दिखाते हैं। इसमें अंगूठा झुका रहता हैं। 'जे नमे ते सहुने गमे' इस लोकोक्ति के अनुसार देवी-देवता इस मुद्रा के प्रति सहज आकृष्ट हो जाते हैं। ____यह मुद्रा देवी-देवताओं को आमन्त्रित करने के उद्देश्य से ही दिखाई जाती है।
आवाहनी मुद्रा