Book Title: Jain Dharm me Tap Swarup aur Vishleshan
Author(s): Mishrimalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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अनशन संप
भद्रोत्तर प्रतिमा-इस तप का आरम्म पंचोले (द्वादश भा) से प्रारम्भ होकर नौ (बौन भक्त.) तक पहुंचता है। यह भी पिछले कम से चलता है। एक परिपाटी में हमाल बीस दिन लगते हैं। चारों परिपाटी पूर्ण करने में २ वर्ष ३ मारस २० दिन लगते है। महासती रामकृष्णा (अंतगड़) ने इस सपनो आराधना तो भी । इसे निम्न मंत्र से नन ।
भद्रोत्तर प्रतिमा
यवसाय प्रतिमा- सुमन पक्ष को प्रतिपदा मेधारमा है। गगनात मान में बनी और पूर्णिमा परती जाती तीन नार में पाति मे भिक्षा में भारी समर को मिल रही है। सामान पक्षाको प्रार रशि, Friter शो यो पति और राम में पारा योनिमा पोमा यति । र पानीमा यो मौer, और म . PAANE पाएमको सजन रही ।