Book Title: Jain Dharm me Tap Swarup aur Vishleshan
Author(s): Mishrimalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 650
________________ ५८० जैन धर्म में तप. ३८ श्री मिश्रीमल जी साहिबचन्द जी गांधी, केसरसिंह जी का गुड़ा, ... .. ३६ श्री अनराजजी बादलचन्दजी कोठारी, खवासपुरा ४० श्री चम्पालालजी अमरचन्दजी कोठारी, खवासपुरा ४१ श्री पुखराजजी दीपचन्दजी कोठारी, खवासपुरा ४२ शा. सालमसींग जी ठावरिया, गुलावपुरा ४३ शा. मिट्ठालाल जी कातरेला, बगड़ीनगर ४४ शा. पारसमल जी लक्षमीचन्द जी कांठेड, व्यावर ४५ शा. धनराज जी महावीरचंद जी खींवसरा, वेंगलूर ४६ शा. गजराज जी भंडारी, एडवोकेट, पाली ४७ शा. धनराज जी महावीरचंद जी खीवसरा, बैंगलोर ३० ४८ शा. गजराज जी भंडारी, बाली ४६ शा. पी० एम० चौरडिया, मद्रास ५० शा. अमरचंद जी नेमीचंद जी पारसमल जी नागौरी, मद्रास

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